बिलासपुर। न्यायधानी के मस्तूरी में जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह पर अज्ञात बदमाशों ने गोलीबारी की थी। वारदात में दो लोग गभीर रूप से घायल हुए थे। गोलीकांड मामले में बिलासपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एसएसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें दो विधि से संघर्षरत किशोर भी शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो देशी पिस्टल, एक कट्टा, पांच मैगजीन, चार जिंदा कारतूस, 13 खाली खोखे, 10 बुलेट और पांच मोबाइल फोन जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि, यह पूरा हमला आपसी रंजिश और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा था। मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह पर हमले की साजिश रची थी
25 अक्टूबर को हमला करने की थी प्लानिंग
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि, हमलावरों ने नितेश सिंह की हर गतिविधि पर नजर रखी थी और 25 अक्टूबर को भी हमला करने का प्रयास किया गया था, लेकिन योजना असफल रही। 28 अक्टूबर की शाम छह बजे दो बाइक में सवार नकाबपोश हमलावरों ने मस्तूरी के तिवारी होटल के पास बैठे नितेश सिंह और उनके साथियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। जिसमें राजू सिंह और चंद्रकांत सिंह घायल हुए। दोनों को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत अब स्थिर है।
राजनीतिक वर्चस्व और जमीन विवाद के कारण मारने की प्लानिंग
SSP रजनेश सिंह ने वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कहा कि पूर्व में नितेश सिंह पहली बार में जनपद उपाध्यक्ष बन गया था। उसने नागेंद्र राय को हराया था। नागेंद्र के खिलाफ भी थाने में कई मामले दर्ज है। गोलीकांड का मास्टरमाइंड विश्वजीत अनंत नितेश सिंह के विरोध गुट से जुड़ा था। इसके अलावा इनके बीच जमीन विवाद पहले से था।
एक लाख रुपये दिए थे नगद
पुलिस की एसीसीयू (साइबर सेल) और थाना मस्तूरी की संयुक्त टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों की पहचान की और सबूतों की कड़ी जोड़ते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया है कि, तारकेश्वर पाटले ने मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत को एक लाख रुपये नगद दिए थे, जिसे उसने बाकी आरोपियों में बांटा था




