जांजगीर/चांपा। दीपावली का पर्व — बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। पर जांजगीर के रमन नगर में लक्ष्मी जी की कृपा ताश की पत्तियों से तलाश की जा रही थी। तभी तो राजस्व विभाग के ये शहजादे दीपक नहीं, “बावन परियों” की झिलमिल में खोए हुए थे।
दरअसल, शनिवार की रात पुलिस ने जब पटवारियों के इस ‘लक्ष्मी पूजन‘ समारोह पर छापा मारा, तो वहां दीये नहीं, दांव जल रहे थे। पुलिस ने 8 जुआरियों को ऐसे पकड़ा जैसे लक्ष्मी जी ने खुद कह दिया हो — “बस बेटा, अब बहुत पूजन हो गया।”
रंगे हाथों पकड़े गए इन राजस्व रत्नों में कोई आम नाम नहीं, बल्कि राजस्व पटवारी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष तक शामिल थे — यानी लीडर भी लीडर ऑफ कार्ड्स!
नामों की फेहरिस्त सुनिए — ज्योतिष कुमार सार्वे (ज्योतिष तो नाम में है, पर भविष्य नहीं भांप पाए), हेमचंद तिवारी, रवि राठौर, उमेश कुमार पटेल, गोविंद कांवर, राहुल प्रताप सिंह, देवेश अंबष्ट और एक निजी ऑपरेटर हरीश सिंह — जो शायद “सिस्टम” ऑपरेट कर रहा था।
पुलिस ने बरामद किया:
- ₹40,200 नकद (जो शायद लक्ष्मी माता को चढ़ावा था),
- 52 पत्ती ताश (पूरी सेना तैयार थी),
- 6 मोबाइल, 2 कार, 2 स्कूटी — यानी “चलो बेटा, जुए पर ही सरकारी व्हीकल टेस्टिंग कर लेते हैं।”
लेकिन सबसे बड़ा खेल तो पुलिस ने खुद खेला —
कार्रवाई तो कर ली, पर प्रेस नोट को “सीलबंद तिजोरी” में रख लिया।
कहीं जनता को पता न चल जाए कि कलेक्टर साहब के राजस्व सितारे धरती पर उतर आए हैं।
अब कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने इस पूरे खेल को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने आदेश जारी किया है कि “जांच प्रतिवेदन मिलने पर पटवारियों पर सिविल सेवा नियमों के तहत कार्यवाही हो।”
अब देखना ये है कि ये कार्यवाही ताश की तरह फेंट दी जाएगी या वाकई किसी कार्ड को नीचे गिरा दिया जाएगा।
कुल मिलाकर, राजस्व विभाग के ये ‘बावनपरी प्रेमी’ दीपावली पर जनता को एक नया संदेश दे गए —
“बुराई पर अच्छाई की जीत भले ही हो,
पर ताश की रानी पर दिल हारना सरकारी परंपरा है!”




