रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रायपुर पहुंचे, जहां उन्होंने देश के पहले डिजिटल ट्राइबल म्यूज़ियम शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण किया। यह संग्रहालय उन आदिवासी वीर नायकों को समर्पित है, जिन्होंने अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध अपने प्राणों की आहुति दी और छत्तीसगढ़ की अस्मिता की रक्षा की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि, आदिवासी समाज भारत की आत्मा है, और वीर नारायण सिंह जैसे महान बलिदानियों की गाथाएँ नई पीढ़ी को प्रेरित करेंगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि यह संग्रहालय नवा रायपुर के सेक्टर-24 में लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह देश का पहला पूर्णत: डिजिटल संग्रहालय है, जिसमें अत्याधुनिक वीएफएक्स, प्रोजेक्शन सिस्टम, डिजिटल स्क्रीन और मोबाइल क्यूआर स्कैनिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिससे दर्शक हर कथा को तकनीक के माध्यम से अनुभव कर सकेंगे।
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संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी विद्रोहों- हल्बा, सरगुजा, परलकोट, तारापुर, लिंगागिरी, भूमकाल और सोनाखान विद्रोह की जीवंत झलक दिखाई जाएगी। इन संघर्षों को 14 सेक्टरों में विभाजित कर प्रस्तुत किया गया है ताकि आगंतुक इतिहास की हर परत को महसूस कर सकें।
परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह का भव्य स्मारक, भगवान बिरसा मुंडा और शहीद गैंदसिंह की मूर्तियाँ, ट्राइबल आर्ट से सजा फर्श और सरगुजा के कलाकारों की नक्काशीदार पैनलें आकर्षण का केंद्र बनी हैं। साथ ही, 1400 वर्ष पुराने साल, महुआ और साजा वृक्षों की प्रतिकृतियों पर 14 विद्रोहों की डिजिटल कहानियाँ उकेरी गई हैं। संग्रहालय में दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएँ तथा एक विशेष सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर मनाया जाने वाला जनजातीय गौरव दिवस और योजनाएँ जैसे पीएम जनमन व प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास की दिशा में मील का पत्थर हैं।




