नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचाने वाले दो बड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कड़ा रुख अपनाया। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उद्योगपति चैतन्य बघेल से जुड़े मामलों में देश की सर्वोच्च अदालत ने क्रमशः आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। अदालत ने दोनों एजेंसियों को तय समयसीमा में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
कवासी लखमा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता के आरोपों में जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने अपनी गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश बताते हुए जमानत की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में उनकी ओर से देश के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने पैरवी की। उन्होंने अदालत के समक्ष दलील दी कि लखमा के खिलाफ दर्ज एफआईआर बिना ठोस साक्ष्य के की गई है और कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।
सुनवाई के बाद जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने EOW को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि एजेंसी को जांच की स्थिति और सबूतों का स्पष्ट ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद करेगी।
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चैतन्य बघेल का मामला: ED से 10 दिन में जवाब मांगा
इसी बेंच ने कारोबारी चैतन्य बघेल की दो महत्वपूर्ण याचिकाओं पर भी सुनवाई की। पहली याचिका में उन्होंने अपनी ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैध बताया, जबकि दूसरी में उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून (PMLA) की वैधता को चुनौती दी।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर ED को नोटिस जारी कर 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि इन याचिकाओं पर अगले सप्ताह दोबारा सुनवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, चैतन्य बघेल का मामला छत्तीसगढ़ के कथित मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क और सरकारी ठेकों में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, जबकि कवासी लखमा का प्रकरण आबकारी विभाग में गड़बड़ियों और पद के दुरुपयोग से संबंधित है।
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 राज्य की राजनीति में मचा भूचाल
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है, वहीं सत्तारूढ़ दल का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और एजेंसियां स्वतंत्र रूप से जांच कर रही हैं।




