भिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक वर्चुअल समारोह में आईआईटी भिलाई के चरण-बी निर्माण कार्यों की आधारशिला रखी। इसी दौरान उन्होंने आईआईटी पटना, इंदौर, जोधपुर, तिरुपति, पलक्कड़, धारवाड़ और जम्मू के चरण-बी कार्यों का भी शुभारंभ किया।

केंद्र सरकार ने आईआईटी भिलाई चरण-बी के लिए 2,257.55 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसमें से 1,092 करोड़ रुपए भवन और परिसर के निर्माण पर खर्च होंगे। विस्तार के बाद परिसर का निर्मित क्षेत्रफल 1,51,343 वर्ग मीटर बढ़ जाएगा। चरण-बी के तहत यहां छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क भी बनाया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 96 करोड़ रुपए होगी। इस परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
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नए विभाग और आधुनिक सुविधाएं
आईआईटी भिलाई में नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष, प्रोटोटाइप लैब और आधुनिक उपकरण विकसित किए जाएंगे। साथ ही छात्रावास, मेस, इनडोर खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, क्रिकेट-फुटबॉल-हॉकी मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। छात्रों की संख्या भी 1,500 से बढ़कर 3,000 हो जाएगी।
रिसर्च पार्क से उद्योग-शिक्षा सहयोग को बढ़ावा
आईआईटी भिलाई का रिसर्च पार्क प्रदेश का पहला होगा। इसका उद्देश्य उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है।
इस अवसर पर आईआईटी भिलाई परिसर के नालंदा व्याख्यान कक्ष से समारोह का सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिरवाड़ा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी मौजूद रहे।
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गौरतलब है कि आईआईटी भिलाई की स्थापना वर्ष 2016 में हुई थी। तब सरकार ने चरण-ए के लिए 1,090.17 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे, जिसके अंतर्गत दुर्ग जिले के कुटेलभाटा में 1,34,450 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्मार्ट और पर्यावरण अनुकूल परिसर विकसित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी 2024 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। परिसर को जीआरआईएचए पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं।