रायगढ़। छत्तीसगढ़ के धरमजयगढ़ विकासखंड के छाल क्षेत्र में आज सुबह से सर्व आदिवासी समाज ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर चक्काजाम आंदोलन शुरू कर दिया। खेदापाली चौक में शुरू हुए इस आंदोलन में आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने 29 सितंबर को तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगों का समाधान 8 अक्टूबर तक नहीं किया गया, तो 9 अक्टूबर को चक्काजाम किया जाएगा। निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते समाज के लोग आज सड़क पर उतर आए।
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ग्रामीणों की पांच मुख्य मांगें:
- हाथी आतंक से राहत और मुआवजा: छाल क्षेत्र लंबे समय से हाथी प्रभावित इलाका है। लगातार हो रहे हाथी हमलों से जहां कई लोगों की जान जा चुकी है, वहीं किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों की मांग है कि फसल नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए और हाथी नियंत्रण के ठोस उपाय किए जाएं।
- धूल चैक-बांधापाली से नवापारा तक सड़क निर्माण: लगभग तीन किलोमीटर लंबी यह सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका तत्काल निर्माण कराया जाए।
- मुख्य मार्ग की मरम्मत: खरसिया-पत्थलगांव मुख्य मार्ग पर ऐडु पुल से लेकर छाल हाटी धरमजयगढ़ तक की सड़क की हालत खराब है, जिसे तुरंत मरम्मत किए जाने की मांग की गई है।
- विदेशी शराब दुकान का विस्थापन: छाल-गढ़ईबहरी सीमा पर स्थित विदेशी शराब दुकान को समाज के लोग अनुचित मानते हैं। उनका कहना है कि यह दुकान ग्रामीणों और युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, इसलिए इसे तत्काल हटाया जाए।
- पुरूंगा कोल माइंस का निरस्तीकरण: ग्रामीणों ने पुरूंगा क्षेत्र में प्रस्तावित कोल माइंस का विरोध करते हुए कहा है कि इससे पर्यावरण और स्थानीय जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। अतः परियोजना को तुरंत रद्द किया जाए।