रायपुर। दीपावली के अवसर पर शहर में पटाखा विक्रेताओं और खरीदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने स्थायी और अस्थायी पटाखा दुकानों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं अधिनियम, 2018 और नियमावली, 2021 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि सभी दुकानों में अग्निशामक यंत्र रखना अनिवार्य होगा और दुकानें केवल टीन शेड से ही बनाई जा सकती हैं। इसके अलावा दुकानदारों से आठ अन्य बुनियादी सुरक्षा तैयारी करने का निर्देश भी दिया गया है।
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आग से बचाव के प्रमुख नियम:
- दुकानें केवल अग्निरोधक सामग्री (जैसे टीन शेड) से बनी हों, और कपड़ा, बांस, रस्सी, टेंट जैसी ज्वलनशील सामग्री का उपयोग न हो।
- दुकानों के बीच कम से कम 3 मीटर की दूरी रखी जाए और वे एक-दूसरे के सामने न हों।
- तेल के लैम्प, गैस लैम्प या खुली बिजली की बत्ती का उपयोग सख्त मना है।
- किसी भी दुकान से 50 मीटर के भीतर आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक।
- बिजली के तारों में कोई खुला जॉइंट न हो; मास्टर स्विच में फ्यूज या सर्किट ब्रेकर अनिवार्य। दुकानें ट्रांसफॉर्मर या हाई टेंशन लाइन के नीचे न हों।
- हर दुकान में 5 किलो क्षमता वाला DCP अग्निशामक यंत्र होना चाहिए, जिसकी मारक क्षमता 6 फीट है।
- दुकानों के सामने 200 लीटर पानी का ड्रम और बाल्टियों की व्यवस्था अनिवार्य।
- दुकानों के सामने बाइक और कार पार्किंग पर प्रतिबंध।
- परिसर में अग्निशमन विभाग और एम्बुलेंस के संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हों।
- अग्निशमन वाहन शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक (रश ऑवर) स्टैंडबॉय ड्यूटी पर रहेंगे।
- फायर ब्रिगेड वाहन की आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह सुनिश्चित करना जरूरी।
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अग्निशमन विभाग ने स्पष्ट किया कि फायर सेफ्टी के सभी उपाय सुनिश्चित करना दुकानदारों की जिम्मेदारी होगी। जिला प्रशासन ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि दीपावली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए निर्धारित गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।