भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय में मेडिकल शाखा के फर्जी बिल बनाकर 15 लाख रुपए हड़पने के मामले में पीटीआरआई शाखा के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। जांच में आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी के तरीके का खुलासा हुआ है। आरोपी कर्मचारी ASI हर्ष वानखेड़े, कैशियर सूबेदार नीरज कुमार और हेड कॉन्स्टेबल राजपाल ठाकुर शामिल हैं।

एफआईआर दर्ज होते ही तीनों फरार हो गए। जांच के दौरान पता चला कि एफआईआर दर्ज होने से एक दिन पहले तक हर्ष व नीरज ने नियमित अटेंडेंस लगाई, जबकि राजपाल उस समय मेडिकल लीव पर था।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अगस्त 2023 से मार्च 2024 के बीच 44 देयकों के माध्यम से कुल 9.85 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। राजपाल कॉल के जरिए पीड़ित कर्मचारियों को बताता था कि राशि गलती से उनके खाते में चली गई है और इसे लौटाने के लिए आरोपी अपने पर्सनल बैंक अकाउंट और यूपीआई नंबर देते थे।
टीआई सीबी राठौर ने बताया कि फरवरी 2025 में पीटीआरआई कर्मचारियों ने मामले की सूचना सीनियर अफसरों को दी थी। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने 2023 से जुलाई 2025 के बीच फर्जी मेडिकल बिल पास कर सरकारी राशि अपने खातों में ट्रांसफर कराई। डीएसपी ओपी मिश्रा के प्रतिवेदन के आधार पर बुधवार को जहांगीराबाद पुलिस ने धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज के मामले दर्ज किए। फरवरी महीने में ही तीनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया था।